Acharya Ram Gopal Dixit
Neurotherapy Health Consultant at PEC, Rashtrapati Bhawan (Ex.)
Member: Governing Body CCRYN Ministry of AAYUSH (Govt. of India)
Member: Scientific Advisory Committee CCRYN Ministry of AAYUSH (Govt. of India)
Founder President: Aarogya Peeth
Renowned Yoga Guru
आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी
आरोग्य पीठ के संस्थापक, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, भारत के राष्ट्रपति भवन के निवर्तमान स्वास्थ्य सलाहकार, कवि, लेखक एवं गीतकार, भारत सरकार के कौशलाचार्य उपाधि से सम्मानित, बिना दवा के इलाज करने व प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति अर्धनारीश्वर / वैलनेस न्युरोथैरेपी के मर्मज्ञ हैं । जिन्हें इस पद्धति के माध्यम से विभिन्न प्रकार के जटिल रोगों जैसे : कमर घुटना, गर्दन, कंधा दर्द, किडनी, लीवर, लंग्स एवं स्ट्रेस डिप्रेशन सहित अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोगों का संपूर्ण रूप से निदान एवं उपचार करने का 24 वर्षों का अनुभव प्राप्त है।आचार्य जी ने इस विद्या में अपने शोध एवं अनुभव से अनेक पुस्तकों का लेखन कर इस पद्दति के डिग्री कोर्स के लिए विश्वविद्यालय एवं भारत सरकार से मान्यता दिलाई है। आपकी दूरदर्शिता एवं अथक परिश्रम ने एक लुप्तप्राय विज्ञान को अनौपचारिक से विधिवत ऑपचारिक बना कर देश एवं दुनियाँ के स्वास्थ्य एवं रोज़गार के क्षेत्र में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कार्य किया है। आज लगभग संपूर्ण भारत एवं दुनियाँ के 18 देशों में इस विद्या में आपसे पारंगत न्यूरोथेरेपिस्ट, लोगों के जटिल रोगों के निदान एवं उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आचार्य जी ने देश एवं दुनिया के लगभग 26 करोड़ लोगों को सोशल मीडिया सहित अनेक माध्यमों से लाभान्वित किया है। सतत् साधना में रत रहने वाले आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी को देश एवं दुनियाँ में चाहने वालों की फ़ेहरिस्त बहुत लंबी है।
आचार्य राम गोपाल दीक्षित राष्ट्रपति भवन में एक प्रसिद्ध योग गुरु और ध्यान विशेषज्ञ, वैलनेस न्यूरोथेरेपी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य सलाहकार रहे हैं, वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो विगत 26 वर्षों से स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बिना दवाओं के रोगों को ठीक करने के योग विज्ञान में उनकी महारत ने पूरे भारत में 50 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है, साथ ही विश्व भर में 17 करोड़ से भी अधिक लोगों को सोशल मीडिया द्वारा जागरूक किया है ।
राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और दिल्ली उच्च न्यायालय में योगिक न्यूरोथेरेपी और अन्य स्वास्थ्य विषयों पर कई महत्वपूर्ण भाषण दिए हैं । योग और वैलनेस न्यूरोथेरेपी में प्रशिक्षण और उपचार का भी समृद्ध अनुभव है । आचार्य दीक्षित से प्रभावित लोगों की संख्या बहुत बड़ी है। इसमें प्रमुख एलोपैथिक डॉक्टर, न्यायाधीश, कैबिनेट के मंत्री, विभिन्न महान नेता और समाज के विभिन्न वर्गों के कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं । उन्होंने अनगिनत संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और शिविरों जैसे योग और ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा और वैकल्पिक चिकित्सा शिविर, शारीरिक संतुलन कार्यशालाओं का आयोजन कई कॉर्पोरेट, संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में किया है ।
वर्ष 2021 में वैलनेस न्यूरोथेरेपी को बीर टिकेन्द्रजीत विश्वविद्यालय में एवं 2016 में, भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान अंतर्गत पारंपरिक चिकित्सा / वैलनेस
न्यूरोथेरेपी के 3 व्यावसायिक योग्यता पैक (QP) एवं राष्ट्रीय मानक (NOS) बनाकर, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से मान्य कराने का एक अनूठा और अभूतपूर्व कार्य किया है ।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के एक छोटे से गाँव नाहरपुर के किसान परिवार में जनवरी 1970 में जन्में राम गोपाल दीक्षित की जीवन यात्रा बहुत ही संघर्ष भरी रही है. परिवार की आर्थिक स्थिति संतोषजनक ही थी. पिता कृषक होने के साथ-साथ मन्त्र चिकित्सक भी थे. सेवा व समर्पण का भाव उन्हें विरासत में प्राप्त हुआ था.
सपने सभी देखते हैं किन्तु आदर्शों व संकल्पों के साथ उसे पूरा करने की ताकत केवल समाजसेवियों में ही होती है. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स की पढाई करने के पश्चात विभिन्न कंपनियों में इंजीनियर के रूप में कार्य किया. किन्तु अंतर्मन में सेवा का भाव होने के कारण उनका मन इस कार्य से शीघ्र ही उचट गया. उन्होंने नौकरी छोड़ कर जन सेवा का निर्णय लिया. हालाँकि उनकी स्वयं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं थी फिर भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक बन कर विभिन्न स्थानों -कश्मीर से लेकर नार्थ-ईस्ट जैसे दुर्गम क्षेत्रों में सेवा के कार्य में लगे रहे. लगभग 11 वर्षों तक प्रचारक रहने के बाद संघ के कई बड़े पदाधिकारियों की अनुमति से वैवाहिक जीवन जीने का निर्णय लिया. अब उनके सम्मुख पारिवारिक जीवन की कठिन चुनौती आने वाली थी.
ह्रदय में सेवा भाव कूट-कूट कर पहले से ही भरा होने के कारण उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने बिना दवा या बिना उपकरण के द्वारा की जाने वाली वैदिक पद्धति न्यूरोथेरेपी को चुना. दो साल तक श्री लाजपत राय मेहरा जी के महाराष्ट्र के ठाणे जिले के सूर्यमाल स्थित आश्रम में पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अब उनके सम्मुख नई चुनौतियाँ खड़ी थीं. आज के भांति उस समय न्यूरोथेरेपी को बहुत कम लोग जानते थे. कई बार लोगों ने उलाहना दिया,
इस क्रम में 2004 में श्री माँ शारदा राष्ट्रीय सेवा समिति (रजि.) का गठन किया. जो आगे चलकर 2014 में आरोग्यपीठ के नाम से अस्तित्व में आयी.
नि:शुल्क अस्थमा शिविर 2011 में आयोजित किया गया, जिसमें पूज्य गुरु जी लाजपत राय मेहरा जी व पूज्य आचार्य डॉ लोकेश मुनि जी का विशेष आशीर्वाद रहा। इस शिविर में लगभग 95 रोगियों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। स्वामी विवेकानंद जी के 150वें जन्म वर्ष के अवसर पर 2013 – 14 को स्वास्थ्य जागरण वर्ष के रूप में मनाया गया, कई स्थानों पर उपचार शिविर, विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में प्रशिक्षण शिविर लगाये गये, जिनके द्वारा समाज के लाखों लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जन-चेतना का संचार हुआ। लगभग साढ़े पांच लाख लोगों को उपचार व प्रशिक्षण द्वारा लाभ मिला. इसमें समाज के कई प्रबुद्ध एवं गणमान्य व्यक्तियों का सहयोग व आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
31 अगस्त 2013 को राष्ट्रपति भवन ऑडिटोरियम में कार्यशाला का आयोजित किया गया. जिसमें राष्ट्रपति भवन के सभी अधिकारी अपने परिवार सहित उपस्थित रहे. कार्यशाला में आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी ने हमारी किन छोटी-छोटी चूक से बड़े रोग आते हैं तथा न्यूरोथैरेपी द्वारा उन्हें किस तरह से ठीक किया जा सकता है, इस विषय पर मार्गदर्शन किया. उन्होंने न्यूरोथैरेपी के महत्वपूर्ण एवं तुरंत राहत देने वाले बिंदुओं को सिखाया एवं प्रयोग करके दिखाया.
11 दिसंबर 2014 को माननीय राष्ट्रपति जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में Recreation Club, Rashtrapati Bhawan में वरिष्ठ नागरिकों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी जी द्वारा किया गया जहां 8 न्यूरोथेरेपिस्ट की टीम ने आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी के मार्गदर्शन में लगभग 80 रोगियों का न्यूरोथेरेपी द्वारा उपचार किया।
2015 में संस्था के वार्षिकोत्सव के अवसर पर छोटी चूक-बड़े रोग विषय पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री श्रीमान नितिन गडकरी जी, आयुष मंत्री श्रीमान श्रीपाद नाइक जी, संघ के सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी, सांसद राम कृपाल यादव जी, सूर्या ग्रुप के चेयरमैन जय प्रकाश अग्रवाल जी, मनोज सर्राफ जी, श्री श्याम लाल मित्तल जी तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
2015 में दिल्ली पुलिस के लिए कई वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें न्यूरोथेरेपी के प्रशिक्षण के साथ-साथ तनाव मुक्त रहने के तरीके भी सिखाये गये. 2015 में ही दिल्ली सचिवालय में इहबास के सौजन्य से “छोटी चूक-बड़े रोग” विषय पर प्रदर्शनी व संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सत्येन्द्र जैन व इहबास के निदेशक डॉ. निमेश जी देसाई मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
2015 में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य राम गोपाल दीक्षित जी ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया तथा उन्हें योग के अतिरिक्त अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जानकारी दी, हमारे भारत देश की पारंपरिक चिकित्साओं की महान विधाएं किस प्रकार से लुप्त होती जा रही हैं, उन्हें किस प्रकार से संरक्षित किया जा सकता है, इस बारे में चर्चा की। तब से प्रतिवर्ष निरंतर देश के गावों से लेकर शहरों तक विभिन्न स्थानों पर नि:शुल्क योग शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है. आरोग्यपीठ के इन प्रयासों का लाभ अब तक लाखों लोग उठा चुके हैं. कोरोना महामारी के दौरान लगातार दो वर्षों तक ऑनलाइन माध्यम से योग की शिक्षा दी जाती रही. सम्पूर्ण लॉकडाउन जैसे कठिन समय में तो प्रतिदिन प्रातः इन्टरनेट के विभिन्न माध्यमों से योग के कार्यक्रम निरंतर चलाये जाते रहे. आरोग्यपीठ भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों के लिए कृत संकल्प है.
जन-जन के ह्रदय में आरोग्य के प्रति चेतना का संचार करने के लिये जुलाई 2015 से निरंतर आरोग्य सन्देश व्याख्यान माला श्रृंखला का अनवरत आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को होने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े व्यक्तियों को उनके व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया जाता है। आधुनिक चिकित्सा हो अथवा पारंपरिक चिकित्सा, सात वर्ष से भी अधिक समय से चल रहे इस अनूठे यज्ञ में अब तक कई जाने माने चिकित्सक अपनी ओर से आहुति दे चुके हैं। यह आयोजन पूरी तरह से नि:शुल्क होता है और समाज का प्रत्येक व्यक्ति इसमें आमंत्रित होता है। इसमें भाग लेकर जाने माने चिकित्सकों से अपनी समस्या का समाधान भी ले सकता है। इस श्रृंखला के कार्यक्रमों के वीडियो फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर दिए जाते हैं, इससे देश विदेश से अब तक करोड़ों व्यक्ति लाभान्वित हो चुके हैं। सम्पूर्ण लॉकडाउन के समय में प्रतिदिन सायं डेढ़ घंटे के ऑनलाइन कार्यक्रम का निरंतर आयोजन किया जाता रहा, जिससे लाखों लोगों को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद मिली. जिससे लोग अवसाद से बाहर आने में सफल रहे.
2016 में जब चिकनगुनिया की महामारी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने के दौरान लोगों को चिकनगुनिया के दर्दों से मुक्ति के लिए कई निशुल्क उपचार तथा प्रशिक्षण शिविर लगाए गए.
जन-जन के स्वास्थ्य के लिए समर्पित आरोग्यपीठ द्वारा सुदूर क्षेत्रों तक निशुल्क सेवाएं दी जाती रही हैं, इसी क्रम में 2017 में दीमापुर (नागालैंड), ईटानगर (अरुणाचल), इम्फाल (मणिपुर) में निर्धन लोगों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाये गए, जिसमें विभिन्न रोगों से पीड़ित लगभग 8000 रोगियों का उपचार किया गया।
छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा 2017 में आयोजित कार्यक्रम में योग व ध्यान की विधियों के साथ-साथ न्यूरोथेरेपी के कुछ विशेष तरीके सिखाये गए. तीन दिन तक चले सत्र में प्रदेश भर से आये लगभग 1500 लोगों ने प्रशिक्षण लिया।
मिजोरम देश के नार्थ ईस्ट में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है, किन्तु वहां सुदूर के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव होने के कारण वहां के निवासियों को हो रही असुविधा को देखते हुए राज्यपाल ले. ज. डॉ. निर्भय शर्मा जी की सलाह पर आरोग्यपीठ तथा आसाम रायफल के सहयोग से एक वर्ष तक हेल्थी मिजोरम कैम्पेन (2017 – 2018) चलाया गया. इसमें 5000 से अधिक लोगों को योग व न्यूरोथेरेपी का प्रशिक्षण दिया गया. जिससे वो आगे दूरदराज़ के क्षेत्रों में बिना किसी दवा या उपकरण के न्यूरोथेरेपी द्वारा त्वरित व प्रभावी उपचार दे सकें.
2018 में रांची, झारखण्ड के आई.ए.एस. वाइफ्स एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित वैलनेस कैम्प में लगभग 300 से अधिक लोगों के कमर दर्द, घुटना दर्द व गर्दन दर्द का उपचार किया गया, यहाँ लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के टिप्स दिए गए।
जीवन ज्योति संस्था के सहयोग से श्री दिगंबर जैन समाज, दीमापुर, नागालैंड में जून 2018 में न्यूरोथेरेपी द्वारा उपचार एवं प्रशिक्षण शिविर लगाया गया, जिसमें लगभग 110 लोगों ने भाग लेकर लाभ उठाया।
आरोग्यपीठ द्वारा आरम्भ की गयी आरोग्य क्रांति श्रृंखला के अंतर्गत प्रगति मैदान, दिल्ली में -14 जुलाई 2019 को घुटना दर्द के रोगियों के लिए नि:शुल्क विशाल आरोग्य शिविर आयोजित किया गया. इस शिविर में 1500 से भी अधिक रोगियों का उपचार मात्र 3 घंटे में 500 न्यूरोथेरेपिस्टों द्वारा किया गया, जो कि अपने आप में एक कीर्तिमान है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महाशय धरमपाल जी (MDH), NGT के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श गोयल जी, जैन मुनि आचार्य डॉ. लोकेश मुनि, श्रीमान बजरंग लाल जी आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आरोग्य पीठ पारम्परिक चिकित्सा न्यूरोथेरेपी को वोकल फॉर लोकल अब बना रही है. जब हर गाँव में एक परिवार से न्यूरोथेरेपिस्ट बनेगा तो गाँव की 80% बीमारी बिना दवा के स्वयं वह ठीक कर सकेगा, जिससे परिवार रोज़गार से आत्मनिर्भर बनेगा, गाँव में ही गरीब को सस्ता व प्रभावी इलाज मिलेगा तथा देश का करोड़ों करोड़ रुपया दवा व मशीनों की ख़रीद में विदेश जाने से बच जाएगा। यही वोकल फ़ोर लोकल का कार्य आरोग्यपीठ बहुत समय से कर रही है।
घर बैठे और अपने समयानुसार न्यूरोथेरेपी सीखने के इच्छुक लोगों के लिए डिजिटल पाठशाला का शुभारम्भ किया गया. आरोग्यपीठ के ऑनलाइन कोर्स की भारी माँग को देखते हुए इसकी डिजिटल पाठशाला की नई वेबसाइट आरोग्यपीठ गुरुकुल के नाम से लॉन्च की गयी है। इससे लोगों को घर बैठे ही वैलनेस न्यूरोथेरेपी का कोर्स ऑनलाइन करने में सहायता मिल रही है। अभी तक इसमें लेवल 5 तक के कोर्स उपलब्ध हैं, किन्तु शीघ्र ही आगे के लेवल के साथ साथ ही अन्य एडवांस कोर्स उपलब्ध कराये जायेंगे। सामान्य जन के लिए भी कई बीमारियों के लघु कोर्स भी बहुत ही कम मूल्य पर उपलब्ध कराये गए हैं, जिनसे कोई सामान्य व्यक्ति भी अपने रोग से संबंधित उपचार आसानी से सीख कर लाभ उठा सकता है।
आरोग्यपीठ के द्वारा आयोजित कौशल विकास मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम से अब तक हजारों छात्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है । भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय द्वारा वैलनेस न्यूरोथेरेपी के तीन जॉब रोल को तैयार कर मान्यता प्राप्त कराने तथा हजारों युवक-युवतियों को प्रशिक्षण देने के कारण आचार्य राम गोपाल दीक्षित को 2021 में कौशलाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
वेलनेस न्यूरोथेरेपी कौशल की बढ़ती माँग व इसकी वैश्विक आवश्यकता को समझकर गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्व विद्यालय एवं बीर टिकेन्द्रजीत विश्वविधालय ने भी वेलनेस न्यूरोथैरेपी के पाठ्यक्रम को आरोग्य पीठ के साथ मिल कर प्रारम्भ किया है।
आरोग्यपीठ द्वारा प्रशिक्षित लगभग 5 हजार विद्यार्थी आज स्वरोज़गार अथवा नौकरी द्वारा आजीविका का साधन पाकर सम्मानजनक जीवनयापन कर रहे हैं. आरोग्यपीठ अपने विद्यार्थियों को पूर्ण सहयोग देने को सदैव कृत संकल्प है. इसी श्रृंखला में 18 राज्यों के 54 विद्यार्थी आरोग्यपीठ एकल आरोग्य केंद्र का सफल संचालन कर रहे हैं. भविष्य में ऐसे अनेक केंद्र खोलने की योजना है जिससे हर गाँव में एक न्यूरोथेरेपी का केंद्र होने की कल्पना को साकार किया जायेगा.
पारंपरिक चिकित्सकों के लिए पुरस्कार योजना आरंभ की जा रही है. भारत की प्राचीन पारंपरिक चिकित्साओं के प्रयोग करने वाले घराने व व्यक्तियों की मृत्यु के बाद ये ज्ञान उन्हीं के साथ नष्ट होता गया है व आज भी हो रहा है. क्योंकि इनमें न तो कोई ग्लैमर है और न ही कोई रोज़गार, जिससे आने वाली पीढ़ी को उनमें अपना भविष्य दिखाई नहीं देता और वे उसे छोड़ कर कोई अन्य व्यवसाय या नौकरी करना शुरू कर देते हैं.
कौशलाचार्य रामगोपाल दीक्षित के मार्गदर्शन में आरोग्यपीठ इन पारंपरिक चिकित्साओं की प्रतिष्ठा, शक्ति व देश के लिए आर्थिक व आरोग्य में इसके फ़ायदे को समझ कर इनके संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए दो प्रकार के पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गयी है. पहला धन्वन्तरी गौरव पुरस्कार (वैदिक / पारंपरिक चिकित्सा के व्यक्तिगत चिकित्सक के लिए) तथा दूसरा लाजपत राय मेहरा आरोग्य पुरस्कार (न्यूरोथेरेपी के संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए)
यूँ तो कौशलाचार्य रामगोपाल दीक्षित आज किसी भी पुरस्कार या प्रमाणपत्र के मोहताज नहीं हैं फिर भी उन्हें मिले कुछ पुरस्कार और प्रमाणपत्र का विवरण इस प्रकार है –
- संस्कृति न्यास दिल्ली द्वारा सनातन संस्कृति सम्मान
- 2023कौशल विकास मंत्रालय भारत सरकार – कौशलाचार्य पुरस्कार 2021
- फाइट एंड सर्वाइव यूनिट फाइव, (05 बीएन सीआरपीएफ) द्वारा
- सामाजिक अधिकारिता ग्रामीण संघ (सेवा), विश्व दिव्यांग दिवस 2017
- रोटरी बेस्ट स्पीकर अवार्ड – रोटरी क्लब ऑफ़ दिल्ली मेट्रो
- न्यूरोथेरेपी विकास गौरव पुरस्कार – विकास फाउंडेशन, मुंबई
- सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज़ीकरण पुरस्कार – प्रो. निर्मला और डॉ. अशोक भटीजा
- अधिकतम दस्तावेज़ीकरण पुरस्कार और ट्रॉफी- डॉ. लाजपतराय मेहरा की न्यूरोथेरेपी अकादमी
- नेशनल न्यूरोथैरेपी ट्रॉफी – न्यूरोथैरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर
- यूनिटी ऑफ नेशन अवार्ड 2014 सरदार वल्लभभाई पटेल मेमोरियल – जीवन आश्रम ट्रस्ट,
मिशन प्रोटैक्ट इंडिया - दिल्ली गौरव विकास पुरस्कार- 2015
- भागीदारी प्रमाणपत्र – अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन
- अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव – उत्तराखंड सरकार द्वारा भागीदारी प्रमाण पत्र।
- प्राकृतिक चिकित्सा योग प्रशिक्षण शिविर – लाला राम प्रसाद मेमोरियल एजूकेशन एंड नेचर क्योर
- सोशल वेलफेयर सोसाइटी दिल्ली द्वारा भागीदारी प्रमाण पत्र
- डॉ. लाजपत राय मेहरा की न्यूरोथैरेपी अकादमी द्वारा न्यूरोथेरेपी में दस वर्षों से अधिक समय तक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र
- एडवांस रेकी हीलर – रेकी हीलिंग फाउंडेशन द्वारा
- भागीदारी का प्रमाण पत्र – भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा बोर्ड द्वारा
- राष्ट्रपति भवन द्वारा भागीदारी प्रमाणपत्र
- मिजोरम के माननीय राज्यपाल द्वारा भागीदारी प्रमाणपत्र
- Neurotherapy Health Consultant at President Estate Clinic Founder : Aarogya Peeth
Acharya Ram Gopal Dixit is a Renowned Yoga Guru & Meditation Expert, Advance Neurotherapy Specialist and Health Consultant at Rashtrapati Bhavan, He is a Social Activist who has been offering his services to mankind for over 26yrs. in the field of health care.
His mastery in Yogic science of curing diseases without medicines has benefitted more than 50Lakh people one to one across India. &11cr. People Aware by social media | He has delivered numerous key note speeches at Rashtrapati Bhawan, Parliament House & Delhi High Court on Yogic Neurotherapy and other Health topics | Also have rich experience in training & treatment in Yoga and Advance Neurotherapy.
Dr. LajpatraiMehra – Father of Neurotherapy, credits Sh. Dixit for his dedication, for providing recognition to Neurotherapy at large scale and for becoming a part of spreading this amazing revolution in the field of health.List of lovers of Acharya Dixit is very large. It includes leading allopathic doctors, judges, ministers of the cabinet, various great leaders and many others from various sections of society.
He has organized countless seminars, workshops & camps like Yoga& Meditation, Naturopathy & Alternative Therapy Camp, Body Balancing Workshop at Corporate, Institutions, Schools & College Levels.
In 2016, the 3 Occupational Qualification Pack (QP), National Standard (NOS) for Traditional Medicine / Neurotherapy for self-reliant India campaign wash created by making them a unique and unprecedented work of validating them with the Ministry of Skill Development and Entrepreneurship, Government of India.